*ऐ सुरज ... !* *जल्दी से निकलना* *तू फिर से उजियाला लायेगा* *गगन में शान से तिरंगा लहरायेगा* *ऐ सुरज ... !* *जल्दी से निकलना* *तू फिर से उजियाला लायेगा* *गगन में शान से त...
कुछ अपनी आवाज मंद थी कुछ तुमने भी कान न पाये। कुछ अपनी आवाज मंद थी कुछ तुमने भी कान न पाये।
विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बिखेरे शबनमी मोती निस... विमुग्ध बिमल क्षरे अबिरल शीत पूत ज्योत्स्ना राशि आनंदाश्रु सम अश्कों की कण बि...
जब तक है मेरे इस जिस्म में जान गाता रहूंगा मैं तो भारत का गान। जब तक है मेरे इस जिस्म में जान गाता रहूंगा मैं तो भारत का गान।
जिस मिट्टी में जन्म की ,चाह करें भगवान। करे लेखनी किस तरह, उस भारत का गान। जिस मिट्टी में जन्म की ,चाह करें भगवान। करे लेखनी किस तरह, उस भारत का गान।
वृक्ष पर पंक्षी करते बसंत गान ऋतुराज का हुआ नव विहान वृक्ष पर पंक्षी करते बसंत गान ऋतुराज का हुआ नव विहान